Mehandipur Balaji Ki Kahani Part-1 | How Was Mehndipur Balaji Established Part 1

 

मेहंदीपुर बालाजी की कहानी भाग -1 | Mehandipur Balaji Ki Kahani Part 1

भक्तों राजस्थान के श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम में भूत प्रेत और ऊपरी बधाओ से ग्रसित व्यक्ति श्री बालाजी एवं प्रेतराज सरकार और श्री कप्तान भैरव के कृपा से ठीक हो जाते हैं।

तो भक्तों क्या आप इस मंदिर निर्माण और श्री बालाजी प्रेतराज सरकार और कप्तान भैरव यहां पर विराजमान कैसे हुए यह जानना चाहते हैं तो इस  आर्टिकल में बने रहने के साथ-साथ इस कहानी के सभी भाग को पढ़ना ना भूलें।

तो आईये भक्तों श्री बालाजी के जयकारा बोलते हुए इस कहानी को हम पढ़कर  जान लेते है।




Story Of Mehandipur Balaji In Hindi


भक्तों श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास के बात करें तो करीब 1000 साल से पहले यहां पर घोर घंना जंगल हुआ करता था।

चारो तरफ फैली हुई घनी झाड़ियों में जंगली जानवरों का बसेरा हुआ करता था।

भक्तों एक दिन की बात है एक दिन श्री मंहत जी महाराज के पूर्वज गोसाईजी को सपना आया और सपने की अवस्था में ही वे उठ कर चल दिए।

उन्हें पता नहीं था कि वे कहाँ जा रहे है? चलते चलते भक्तों वे घने जंगल से घिरे पहाडिंयो के बिच पहुचं गये।

और भक्तों इसी दौरान उन्होंने एक बेहद विचित्र लीला देखी की एक ओर से हजारों दीपक जलते और चलते आ रहे थे।

हाथी घोड़े की तेज आवाज के साथ एक बहुत बड़ी फौज चली आ रही थी।

भक्तों उस फौज ने पहाड़ की घाटी पर रुक कर वहा विराजमान श्री बालाजी महाराज की मूर्ति के चारो ओर तीन बार घुमकर प्रनाम कीया।

और फौज के प्रधान ने नीचे उतरकर श्री बालाजी महाराज को दण्डवत प्रणाम किया।

तथा जिस रास्ते से वे आए थे उसी रास्ते से चले गए।

भक्तों गोसाई जी महाराज चकित होकर यह सब देखते ही रह गए।

उन्हें कुछ डर सा लगा और वे वहा से भागते हुये अपने घर को आ गए।

और गोसाइजी महाराज अपने विस्तर पर सोने की कोशीस करने लगे।

किन्तु उन्हें नींद नहीं आ रही थी कीयोकी उनके मन में बार-बार वही चित्र सामने आ रहे थे।

तो भक्तो इसी विषय पर विचार करते हुए गोसाईजी के जैसे ही आँखें लगी उन्हें सपने में तीन मूर्तिया दिखाइ दी। और उनके कानों में यह आवाजे आई “उठो, मेरी सेवा का भार ग्रहण करो मैं अपनी लीलाओं का विस्तार करूंगा“ यह बात कौन कह रहा था ये कोई दिखाई नहीं पड़ा।

भक्तों गोसाई जी को यह बात समझ में नही आइ की अजीब सा सपना मुझे क्यो दिखाई दिया।

भक्तों गोसाई जी ने सपना समझ कर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया।




Mehandipur Balaji Kaise prakat hue the | मेहंदीपुर बालाजी कैसे प्रकट हुए थे

दुसरे दिन सुबह के समय श्री बालाजी महाराज ने स्वंय  गोसाईजी को दर्शन दिए और अपनी पूजा का करने का आग्रह किया।

भक्तों दूसरे दिन श्री गोसाई जी सपने के अनुसार उस मूर्ति के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि चारो ओर से घंटा और घड़ियाल की आवाज आ रही है किन्तु दिखाई कुछ नहीं दिया।

सिर्फ उन्हें श्री बालाजी की मूर्ति ही दिखाई दिया।

फिर गोसाईजी आसपास के गावं के लोगों को इकट्ठे किए और सारी बातें उन्हें बताते डाली।

और गोसाईजी गावं वालो की मदद मांगी की मूर्ति के चारों ओर साफ सफाई करने मे मदद करो।

फिर भक्तों सब गांव वाले मिलकर वाहा की साफ सफाई में जुट गए। और भक्तों साफ सफाई के काम को पूरा होने के बाद लोगो ने श्री बालाजी महाराज की एक छोटी सी तिवारी बना डाली।

उसके बाद भक्तों श्री गोसाई महाराज श्री बालाजी महाराज के पूजा अर्चना करने लगे।

तो ऐसे हुये भक्तों श्री बालाजी महाराज मेहंदीपुर में विराजमान। भक्तों श्रीमेहंदीपुर बालाजी और गोसाई जी की कहानी अभी खत्म नहीं हुई।

उस समय एक राजपूत राजा का राज्य चल रहा था उस राजा और श्री बालाजी के हृदय से बहती जलधारा की कहानी को इस आर्टिकल के भाग 2 में पढे✔️  Vinod Gupta 


Click▶️मेहंदीपुर बालाजी की कहानी भाग 2

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(नोट-इस चैनल पर दिखाई गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Dharmasthala Yatra Gyan इनकी पुष्टि नहीं करता है।)
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